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1 दिन पहले
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निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप फिल्म 'राइफल क्लब' से मलयालम सिनेमा में बतौर अभिनेता डेब्यू कर रहे हैं। हाल ही में यह फिल्म रिलीज हुई है, जिसमें अनुराग कश्यप के लुक और किरदार की खूब तारीफ हो रही है. एक इंटरव्यू के दौरान अनुराग ने बताया कि उन्हें मलयालम सिनेमा बहुत पसंद है. उन्होंने मलयालम सिनेमा को बॉलीवुड से बेहतर बताया.
गल्फ न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान अनुराग कश्यप ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा- मैं 'राइफल क्लब' में काम करने को लेकर काफी उत्साहित था. जब निर्देशक आशिक अबू ने फिल्म की घोषणा की थी तो मैं खुद उनके इंस्टाग्राम पेज पर गया था और उनकी पोस्ट पर लिखा था, क्या आपको हिंदी भाषी अभिनेता चाहिए? इस तरह मैं इस फिल्म का हिस्सा बन गया और आज मैं इसे करके बहुत खुश हूं।'
अनुराग कश्यप ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की तुलना बॉलीवुड से करते हुए कहा है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड से बेहतर है। उन्होंने बॉलीवुड पर निशाना साधते हुए कहा कि मलयालम फिल्मों में कोई स्टार सिस्टम नहीं है. किसी भी स्टार के लिए अलग से कोई वैनिटी वैन नहीं है. सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं. वहीं बॉलीवुड में एक सितारा खुद को अलग मानता है और बाकियों से अलग-थलग रहता है। वह अपनी शान में रहता है.
आपको बता दें कि हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड में स्टार्स की बढ़ती फीस और वैनिटी वैन के कल्चर पर बात की थी. अनुराग कश्यप ने कहा था- जिस तरह से बॉलीवुड में स्टार्स की फीस बढ़ रही है, उससे फिल्म का बजट काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा उनकी सबसे बुरी मांग ये है कि खाना उनका शेफ पकाएगा. जो रोजाना खाना बनाने के लिए 2 लाख रुपए चार्ज करती हैं। कुछ अभिनेताओं के पास 5 वैनिटी वैन हैं। जिसमें जिमिंग, खाना बनाना, खाना, नहाना और लाइन प्रैक्टिस के लिए अलग कमरा है. यह पागलपन है। कोई पागल ही होगा जो 5 वैनिटी वैन लेकर चलता है.