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33 मिनट पहले
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55वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन गोवा में किया जा रहा है. अतुल गर्ग द्वारा निर्देशित फिल्म चोला का ट्रेलर फिल्म फेस्टिवल में प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया, जिस पर हंगामा शुरू हो गया. करणी सेना ने कार्यक्रम में ही फिल्म का विरोध किया और फिल्म निर्माता पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया.
दरअसल, ट्रेलर में दिखाया गया है कि हीरो अपने शरीर से भगवा कपड़े उतारकर आग लगा देता है. वह रुद्राक्ष की माला और तुलसी में भी आग लगा देता है। जैसे ही ये सीन फिल्म फेस्टिवल में दिखाए गए तो करणी सेना ने हंगामा करना शुरू कर दिया. इस पर आपत्ति जताते हुए करणी सेना के युवा सेना अध्यक्ष सुरजीत सिंह राठौड़ और राजेश जैन मंच पर पहुंच गए. अपना परिचय देते हुए सुरजीत सिंह ने कहा, भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष की माला जलाना सनातन धर्म का अपमान है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिल्म तो छोड़िए, हम इसका ट्रेलर भी कहीं प्रदर्शित नहीं होने देंगे।'
हंगामा बढ़ता देख फिल्म के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने सुरजीत सिंह को समझाने की कोशिश की. उन्होंने यह भी कहा कि यह आपत्ति जताने का सही समय नहीं है, वह उन्हें समय पर पूरी फिल्म जरूर दिखाएंगे, लेकिन करणी सेना ने विरोध बंद नहीं किया.
फिल्म फेस्टिवल के दौरान फिल्म चोला का ट्रेलर IMPA (इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन) की नौका में दिखाया गया, जब वरिष्ठ अभिनेता मनोज जोशी भी मौजूद थे। जैसे ही करणी सेना ने विरोध शुरू किया तो माहौल गरमाता देख मनोज जोशी कार्यक्रम छोड़कर चले गए.
कार्यक्रम छोड़कर जाते हुए मनोज जोशी।
जब कुछ देर तक हंगामा कम नहीं हुआ तो कार्यक्रम में शामिल कई लोग भी नौका को बीच में ही छोड़कर किनारे की ओर लौटने लगे. आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के लिए दर्शकों ने एडवांस बुकिंग करा ली थी. खबरों की मानें तो करणी सेना के सुरजीत राठौड़ फिल्म के डायरेक्टर अतुल गर्ग के बुलावे पर कार्यक्रम का हिस्सा बने थे.
करणी सेना ने प्रेस नोट जारी कर फिल्म के बहिष्कार की मांग की है.
ट्रेलर लॉन्च इवेंट में हुए हंगामे के बाद करणी सेना के युवा अध्यक्ष सुरजीत सिंह राठौड़ ने सेना की ओर से एक प्रेस नोट जारी कर फिल्म के बहिष्कार की मांग की है.
आपको बता दें कि फिल्म चोला एक युवा प्रोफेसर की कहानी है जो शांति पाने के लिए एक आश्रम में जाता है। वह भगवा वस्त्र पहन लेता है और एक संत की तरह रहने लगता है, लेकिन जब उसे शांति नहीं मिलती है तो वह अपने कपड़े और माला जला देता है और फिर से प्रोफेसर बन जाता है।