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उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिहार के कटिहार में बांग्लादेशी नागरिक गुलाम मुस्तफा को गिरफ्तार किया है. उन पर 3.75 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. पुलिस ने उसे पश्चिम बंगाल के रहने वाले सौगत चाकी नाम के शख्स के साथ गिरफ्तार किया है. सौगात चाकी बांग्लादेशी गुलाम मुस्तफा को कटिहार में छिपाकर रख रहा था.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 2 फरवरी को सामने आया, जब संतोष चौबे नाम के पत्थर और कोयला कारोबारी ने नोएडा के नॉलेज पार्क थाने में मामला दर्ज कराया. संतोष चौबे पत्थर और कोयला व्यवसायी हैं. पहला आरोपी सौगत चाकी है, जो बंगाल का रहने वाला है और दूसरा शख्स गुलाम मुस्तफा है.
गुलाम मुस्तफा मूल रूप से बांग्लादेशी है, उसने फर्जी आधार कार्ड बनवाया था और जलपाईगुड़ी में रह रहा था. उसका असली नाम नोफ्लुउद्दीन है और वह बांग्लादेश के तंगयाल जिले के कुरमोसी गांव का रहने वाला है। हालांकि, उन्होंने जलपाईगुड़ी के डाबा गांव में गुलाम अली के नाम से अपना रजिस्ट्रेशन कराया था.
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पत्थर और कोयले के कारोबार के लिए नोएडा के कारोबारी ने गुलाम मुस्तफा को बैंक चेक और अकाउंट ट्रांसफर के जरिए 3 करोड़ 75 लाख रुपये दिए थे. इन आरोपियों ने यह रकम हड़प ली। पैसे नहीं लौटा रहे थे. जब पैसे वापस नहीं आए तो कारोबारी ने पुलिस से शिकायत की।
शिकायत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पश्चिम बंगाल और बिहार में छापेमारी की. पुलिस ने गुलाम मुस्तफा और सौगत चाकी को कटिहार के शहीद चौक के पास से गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी मोबाइल सर्विलांस के आधार पर की गई.
कटिहार पुलिस और यूपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दोनों को पकड़ा जा सका. पुलिस ने आरोपियों को कटिहार कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें यूपी पुलिस को सौंप दिया गया. अब यूपी पुलिस उन्हें नोएडा ले जाएगी, जहां से मामले की आगे की जांच की जाएगी.
कटिहार सदर डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह ने कहा कि गुलाम मुस्तफा का फर्जी आधार कार्ड कैसे बना और वह अवैध तरीके से देश में कैसे रह रहा था, इसकी जांच की जा रही है. पुलिस ने यह भी कहा कि इस मामले में और भी आरोपी हो सकते हैं.