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दो दिनों तक सतारा में रहकर सस्पेंस पैदा करने के बाद महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार को मुंबई लौट आए. मुंबई लौटने के बाद शिंदे ने अपनी नाराजगी के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने खुलेआम कहा कि वह हर परिस्थिति में बीजेपी के साथ हैं. हालांकि, सीएम कौन होगा इसका फैसला उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह पर छोड़ दिया है.
गृह मंत्रालय पर शिंदे अब भी चुप!
एकनाथ शिंदे हर कीमत पर सरकार के साथ होने का दावा कर रहे हैं लेकिन डिप्टी सीएम और मंत्रालयों के बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं. सूत्रों की मानें तो नई सरकार में मंत्रालय के लिए जो फॉर्मूला तैयार किया गया है, उसमें ये शामिल हैं-
- बीजेपी के पास सीएम पद और 17 मंत्रालय हैं
- शिवसेना के खाते में डिप्टी सीएम और 9 मंत्रालय
- NCP के पास डिप्टी सीएम और 7 मंत्रालय हो सकते हैं.
लेकिन यहां दिक्कत गृह मंत्रालय से है. माना जा रहा है कि शिंदे गृह मंत्रालय मांग रहे हैं लेकिन बीजेपी गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. सूत्र बताते हैं कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम और गृह मंत्रालय समेत 9 मंत्रालय चाहते हैं. इनमें राजस्व, PWD, शहरी विकास जैसे अहम मंत्रालय शामिल हैं.
शिंदे को तेज बुखार था
शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले स्थित अपने पैतृक गांव गए थे। गांव में उसे तेज बुखार हो गया। अटकलें थीं कि शिंदे नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं. मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि मुख्यमंत्री पद पर बीजेपी नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वह मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और उसे मेरा पूरा समर्थन रहेगा.' ।” यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बेटे और लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग पर दावा किया है, शिंदे ने कहा, 'बातचीत चल रही है।' “पिछले हफ्ते दिल्ली में (केंद्रीय मंत्री) अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। अब हम तीनों गठबंधन सरकार बनाने की पेचीदगियों पर चर्चा करेंगे।”
महायुति में अपनी भूमिका के बारे में आपने क्या कहा?
उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर, शिवसेना नेता ने कहा कि वह अब ठीक हैं और आराम के लिए अपने पैतृक गांव आए हैं। शिंदे ने दोहराया कि महायुति सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है और बताया कि भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा, ''बीजेपी ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है. हम जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. हम जनता के हित में फैसले लेंगे. मेरे रुख को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है.'
फडनवीस की होगी ताजपोशी!
इस बीच बीजेपी में भी सरकार गठन को लेकर हलचल तेज है. पार्टी आज महाराष्ट्र के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के नाम का ऐलान कर सकती है, जिसके बाद 3 दिसंबर को बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक बैठक के लिए मुंबई आएंगे और फिर विधायक दल की बैठक में सीएम की औपचारिक घोषणा की जाएगी. सीएम पद की रेस में देवेन्द्र फड़णवीस का नाम चल रहा है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली में अमित शाह के साथ हुई बैठक में फड़णवीस का नाम तय हो गया है, अब घोषणा होना बाकी है.
महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी क्यों?
वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन में हो रही देरी को लेकर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत तंज कस रहे हैं. राउत का कहना है कि अभी विधायक दल का नेता नहीं चुना गया है और शपथ ग्रहण की तारीख की घोषणा कर दी गई है. संजय राउत ने नई सरकार और शपथ को लेकर सवाल उठाए तो बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने भी उसी अंदाज में बताया कि सरकार बनाने में देरी क्यों हो रही है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में नई सरकार की शपथ की तारीख का ऐलान हो गया है. अब सिर्फ सरकार का चेहरा कौन होगा इसका ऐलान होना बाकी है.
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