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इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में धर्म परिवर्तन कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. इसका खुलासा तब हुआ जब गिरोह ने एक टैक्सी ड्राइवर और उसके परिवार को धर्म परिवर्तन के लिए 5 लाख रुपये का लालच दिया। इसके अलावा टैक्सी चालकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए शहर के बड़े स्कूलों में दाखिला दिलाने का भी लालच दिया जाता था।
क्या है पूरा मामला?
इंदौर के लसूड़िया थाने में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. यहां एक टैक्सी ड्राइवर और उसके परिवार को धर्म परिवर्तन के लिए 5 लाख रुपये देने का लालच दिया गया और उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए शहर के बड़े स्कूलों में दाखिला दिलाने का भी लालच दिया गया. परिजनों ने इस मामले की जानकारी हिंदू संगठनों को दी. इसके बाद हिंदू संगठन के लोग धर्म परिवर्तन करने वालों के घर पहुंचे और उन्हें पकड़कर लसूड़िया थाने के हवाले कर दिया.
दरअसल, लसूड़िया थाना क्षेत्र निवासी सन्नी मांडोत टैक्सी ड्राइवर का काम करता है और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. यह देखकर कुछ लोग उनसे मिले और उन्हें ईसाई धर्म अपनाने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने उन्हें 5 लाख रुपये का लालच दिया और उनके बच्चों को शहर के बड़े स्कूलों में दाखिला दिलाने का भी लालच दिया.
इस दौरान धर्म परिवर्तन गिरोह के सदस्य कई बार सनी के घर पहुंचे और पूरे परिवार पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने लगे, जिसके बाद सनी और उसके परिवार ने मामले की जानकारी हिंदू जागरण मंच के नेताओं को दी, जिन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन कराया. जिन लोगों पर इसे कराने का आरोप है उनके घर जाकर जांच की गई और मौके से कई आपत्तिजनक सामग्रियां भी बरामद की गईं.
हिंदू संगठन के नेताओं का कहना है कि मौके से लाखों रुपये के ट्रांसफर का हिसाब-किताब बरामद हुआ है. कई चेकबुक भी बरामद हुए हैं, जिनमें करोड़ों रुपये का लेनदेन होने की संभावना है. मौके पर एक डायरी भी मिली है जिसमें 500 से ज्यादा लोगों के नाम लिखे हैं, जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि इन लोगों ने कई लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है.
फिलहाल हिंदूवादी संगठन के लोगों ने मौके से कैलाश मसीह, राफेल पॉल और एंजेलिस पॉल को पकड़कर लसूड़िया पुलिस को सौंप दिया है, जहां जांच के बाद पुलिस ने धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज कर लिया है. (इनपुट: भरत पाटिल)