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प्रतीकात्मक फोटो.
सैफ अली खान पर हमले का मामला सामने आने के बाद महाराष्ट्र में घर-घर जाकर बांग्लादेशियों की तलाशी लेने का फैसला किया गया है. यह बात महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक आयोग ने कही है. महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने बताया है कि अल्पसंख्यक आयोग महाराष्ट्र के 36 जिलों में 25/25 लोगों की एक समिति बना रहा है. यह कमेटी पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर घर-घर जाकर बांग्लादेशियों की तलाश कर उन्हें सजा देने का काम करेगी।
कैसे होगी जांच?
इंडिया टीवी से बात करते हुए महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में बांग्लादेशियों की जांच की जाएगी। अवैध रूप से रहने वाले किसी भी बांग्लादेशी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि सैफ अली खान के साथ हुई घटना के बाद अल्पसंख्यक आयोग के संज्ञान में आया कि जिस भी जिले में बांग्लादेशी रह रहे हैं, चाहे वह मुंबई हो, औरंगाबाद हो, नागपुर हो, पुणे हो, वहां के कलेक्टर, एसपी से ऐसे लोगों की जांच करायी जाये. पुलिस आयुक्त के माध्यम से.
फर्जी आईडी कार्ड वालों का क्या होगा?
प्यारे खान ने कहा है कि अल्पसंख्यक आयोग को जानकारी है कि कई लोगों के पास फर्जी आईडी भी हैं. अगर ऐसे लोग पाए जाएंगे तो सरकार उन्हें दंडित करने की कार्रवाई करेगी. उन्हें ढूंढना कोई मुश्किल काम नहीं है, उन्हें कानून के मुताबिक सजा तो देनी ही पड़ेगी. उन्होंने बताया कि आयोग 36 समितियों का गठन कर रहा है. आयोग के माध्यम से 25 लोगों की एक कमेटी बनाई जा रही है. 25 लोगों की टीम प्रशासन और एसपी के साथ मिलकर ऐसे लोगों की पहचान करेगी. इसमें प्रशासन और कलेक्टर की टीम के दो लोग भी शामिल रहेंगे.
अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई की मांग
प्यार खान ने कहा है कि वह महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मी शुक्ला को भी पत्र लिख रहे हैं कि राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. बांग्लादेशियों का पता लगाने में अल्पसंख्यक आयोग के अधिकारी प्रशासन की मदद करेंगे। प्यारे खान ने कहा कि यह कांग्रेस का पाप है जो उसे भुगतना होगा. यह कांग्रेस की विफलता है. अगर कांग्रेस ने सख्ती से काम किया होता तो ये दिन नहीं देखना पड़ता.