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उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं पर गहरी चिंता जताई और संभल की घटना को मुसलमानों के खिलाफ साजिश का हिस्सा बताया और वक्फ कानून में बदलाव की मांग की. और मुसलमानों की सुरक्षा. अधिकारों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, ''जो हो रहा है वह बहुत चिंताजनक है. पहले बाबरी मस्जिद, फिर बनारस की घटना और अब जामा मस्जिद का यह तीसरा मामला, यह नियम है कि मस्जिदें 1947 के बाद जैसी थीं, वैसी ही रहेंगी. इसके बावजूद इसमें सांप्रदायिकता बढ़ रही है.'' देश में मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।”
मदनी का बड़ा बयान
अरशद मदनी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को विश्वास में लिए बिना टीम दूसरी बार वहां सर्वे करने पहुंची थी. पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ-साथ ऐसे लोग भी थे जो मस्जिद के पास सड़कों पर जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, जिसे सुनकर मुस्लिम युवक अपने घरों से बाहर निकल आए और फिर आपस में झड़प हो गई और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के बजाय मुस्लिम पक्ष पर हमला कर दिया. फायरिंग हुई. इस गोलीबारी में मुस्लिम युवक की मौत हो गई.
मदनी ने दावा किया- तीन से ज्यादा लोगों की मौत
जमीयत उलेमा ने दावा किया कि फायरिंग से तीन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. ऐसा लगता है कि पुलिस ने संप्रदाय विशेष के लोगों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग के साथ इस घटना को अंजाम दिया है. जमीयत ने मांग की कि अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही भड़काऊ नारे लगाकर भड़काने वाले लोगों पर भी केस दर्ज होना चाहिए.
आपको बता दें कि शनिवार को संभल में भड़की हिंसा में भारी पथराव हुआ, कई गाड़ियों में आग लगा दी गई और इलाके के कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है.