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नई दिल्ली: राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान हंगामा मचने पर सदन के सभापति जगदीप धनखड़ विपक्षी दलों पर भड़क गए. विपक्ष द्वारा किसानों के मुद्दों को लेकर नारेबाजी करने पर धनखड़ ने कहा कि विपक्ष सिर्फ मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है और ड्रामा कर रहा है. उन्होंने कहा कि 'मगरमच्छ के आंसू' से किसानों का हित नहीं सधेगा.
धनखड़ ने हंगामा कर रहे सांसदों को डांटा.
हंगामा कर रहे सांसदों की आलोचना करते हुए धनखड़ ने कहा कि नारेबाजी और घड़ियाली आंसू बहाने से किसानों का हित नहीं होगा. उन्होंने नारेबाजी कर रहे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि आप केवल इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं. आप समाधान नहीं चाहते. किसान आपकी आखिरी प्राथमिकता हैं. सभापति ने कहा कि पिछले हफ्ते सदन में हंगामे के कारण कोई काम नहीं हो सका और अफसोस की बात है कि उस दौरान किसानों के मुद्दे पर एक भी नोटिस नहीं दिया गया.
धनखड़ ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को रोकते हुए कहा कि मैं भविष्य में इस बात का ध्यान रखूंगा कि आपका आश्वासन एक रणनीति थी. मैंने तुम्हें इस आश्वासन पर अनुमति दी कि तुम मर्यादा और अनुशासन का पालन करोगे।
विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया
इसके बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों और एमएसपी बढ़ाने का वादा पूरा नहीं करने के विरोध में राज्यसभा से बहिर्गमन किया. इससे पहले कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी की. आरोप है कि जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत दिन के सूचीबद्ध व्यवसाय को निलंबित करने की मांग वाले नोटिस को खारिज कर दिया था।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार ने एमएसपी बढ़ाने का अपना वादा पूरा नहीं किया है और इस वजह से किसानों को फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से किये गये अन्य वादे भी पूरे नहीं किये हैं. धनखड़ का नाम लिए बगैर तिवारी ने कहा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने भी किसानों के लिए आवाज उठाई है.
इनपुट भाषा
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