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मरीज के पेट से निकाला गया तौलिया
कुचामन: राजस्थान के कुचामन में एक सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक महिला के पेट के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में ही तौलिया छोड़ दिया और टांके भी लगा दिए. महिला को 3 महीने तक पेट में दर्द होता रहा और वह दर्द निवारक गोलियां लेती रही. जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ गया तो परिजन महिला को एम्स ले गए। जब एम्स ने पेट के अंदर से ये तौलिया निकाला तो हर कोई दंग रह गया.
क्या है पूरा मामला?
कुचामन के सरकारी अस्पताल में एक महिला की सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में 15 गुणा 10 का तौलिया (एक तरह का मेडिकल गॉज) छोड़ दिया. अंदर तौलिया होने के बावजूद महिला को टांके लगाए गए। एक जुलाई को प्रसव के पहले दिन से लेकर तीन माह तक महिला को तेज पेट दर्द होता रहा, लेकिन कुचामन के सरकारी डॉक्टर तो छोड़िए, निजी अस्पताल, मकराना के अस्पताल और अजमेर के डॉक्टर भी महिला का दर्द नहीं समझ सके। .
अजमेर में डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया तो पेट में गांठ निकली। थक-हारकर महिला के परिजन एम्स जोधपुर पहुंचे, जहां गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने सिटी स्कैन के बाद अंदर विदेशी शरीर होने की जानकारी दी और ऑपरेशन के दौरान तौलिया देखकर दंग रह गए।
इतना बड़ा तौलिया उसकी आंतों से चिपक गया और महिला की आंतों को नुकसान पहुंचा। तीन महीने तक महिला ने कई दर्द निवारक दवाएं लीं, जिससे उसके शरीर के अन्य हिस्सों को भी नुकसान हुआ। मामले की जांच के लिए डीडवाना सीएमएचओ ने तीन डॉक्टरों की कमेटी गठित की थी, लेकिन परिजन संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए अब उसने न्याय के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
पेट दर्द के कारण दूध नहीं बन रहा है, बच्चा बाहर का दूध पी रहा है
कुचामन निवासी पीड़िता पेट दर्द के कारण बहुत कम खाना खा पा रही थी, जिसके कारण उसके स्तन में बहुत कम दूध बन रहा था। जन्म के बाद से ही बच्चे को बाहर का दूध पिलाना पड़ा। नियम के मुताबिक पहले छह महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाना जरूरी है. बाहर का दूध पीने से बच्चे के जीवन भर कुपोषित रहने का खतरा बढ़ जाता है।
3-4 महीने तक तरल आहार की सलाह
पीड़िता की आंतें क्षतिग्रस्त होने से उसका पाचन तंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ. एम्स के डॉक्टरों ने पीड़ित को अगले तीन-चार महीने तक लिक्विड डाइट के साथ हल्का आहार लेने की सलाह दी है.
एम्स ने कल्चर के लिए गॉज का एक टुकड़ा भेजा।
एम्स में गैस्ट्रो सर्जरी के डॉ. सुभाष सोनी के नेतृत्व में डॉ. सेल्वाकुमार, डॉ. वैभव वार्ष्णेय, डॉ. पीयूष वार्ष्णेय और डॉ. लोकेश अग्रवाल ने सर्जरी की। डॉक्टरों ने तौलिये का एक टुकड़ा लेकर कल्चर के लिए भेज दिया है ताकि तीन महीने के अंदर इसमें पनपने वाले बैक्टीरिया और अन्य रासायनिक प्रतिक्रियाओं की जांच की जा सके.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का बयान आया सामने
इस मामले में डीडवाना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल जुड़िया का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमने इस मामले की जांच के लिए डॉक्टरों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. कमेटी ने जांच पूरी कर ली है. संभवत: आज इसकी रिपोर्ट मिल जायेगी. (इनपुट: जोधपुर से चन्द्रशेखर व्यास)