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उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई. चार लोगों की जान चली गई है. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और सात गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा में 20 पुलिसकर्मी और प्रशासन से जुड़े 4 लोग भी घायल हुए हैं. जिले के स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इंटरनेट पर भी रोक लगा दी गई है. जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है.
संभल मस्जिद को लेकर क्या है विवाद और क्या हैं दोनों पक्षों की दलीलें? क्या है कोर्ट का आदेश और आगे क्या होगा? जानिए सभी सवालों के जवाब…
कल संभल में क्या हुआ?
स्थानीय कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम शाही मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची थी. पूरी घटना रविवार सुबह करीब 7 बजे की है. सर्वे की खबर सुनकर शाही मस्जिद पर भीड़ जमा हो गई। कुछ लोगों ने अंदर घुसने की कोशिश की.
आरोप है कि सुबह 11 बजे सर्वे पूरा कर जैसे ही टीम बाहर निकली तो भीड़ ने उन्हें घेर लिया और हंगामा शुरू कर दिया। टीम के सदस्यों के साथ नोकझोंक हुई। इसी बीच कुछ उपद्रवियों ने पुलिस और सर्वे टीम पर पथराव और आगजनी कर दी. पुलिस ने मोर्चा संभाला और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े. खबरें हैं कि भीड़ की ओर से गोलियां भी चलाई गईं.
संभल में अब कैसे हैं हालात?
संभल तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है. इस समय को बढ़ाया जा सकता है. जिला प्रशासन ने 12वीं तक के स्कूलों में सोमवार तक छुट्टी घोषित कर दी है. घटना के बाद से बाजार बंद हैं. फिलहाल सुबह हुई हिंसा के बाद कोई अन्य घटना सामने नहीं आई है. पूरे मुरादाबाद रेंज के 30 थानों की पुलिस संभल में तैनात की गई है.
हिंसा का कारण क्या था?
संभल की शाही मस्जिद के बारे में कहा जा रहा था कि यह पहले हरिहर मंदिर था। 19 नवंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए संभल के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा पेश किया था। कोर्ट ने मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर 7 दिन के भीतर सर्वे का आदेश दिया. पहले चरण में टीम वीडियोग्राफी कर वापस लौट गई। दूसरे चरण के सर्वे के लिए रविवार सुबह 7 बजे टीम मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि इस इलाके में एक हफ्ते से तनाव बढ़ गया था. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सर्वे पूरा हो चुका है। रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी.
इससे पहले कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने दावा किया था कि संभल की शाही मस्जिद हरिहर मंदिर है. इसे एक हिंदू मंदिर के स्थान पर बाबर के आदेश पर बनाया गया था। उन्होंने सिविल कोर्ट में सर्वे कराने की मांग की थी.
सर्वे टीम में कौन था?
सर्वे टीम में एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव हैं। वादी पक्ष से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, गोपाल शर्मा हैं। केंद्र सरकार की ओर से वकील विष्णु शर्मा पैरवी कर रहे हैं. रविवार को यह टीम जामा मस्जिद कमेटी के सदर के साथ मौके पर पहुंची। आसपास के इलाके की नाकेबंदी कर दी गई. एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव और डीएम, एसपी की मौजूदगी में मस्जिद की वीडियोग्राफी की जा रही थी।
कोर्ट ने क्या दिया आदेश?
19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने पाया कि इस मामले में दूसरा पक्ष भारत सरकार है, इसलिए कोई भी आदेश पारित करने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुनना जरूरी है, इसलिए भारत सरकार और अन्य पक्ष सुना होगा। नोटिस भेजा जाए. ताकि वे भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रख सकें. दोनों पक्षों को सुनने के बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर मौके पर जाकर अपनी रिपोर्ट तैयार करें. यह रिपोर्ट तय समयावधि में कोर्ट में पेश करें. चूंकि मामला संवेदनशील है, इसलिए वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करायी जाये. डीएम व एसपी मौके पर पुलिस बल उपलब्ध करायें.
अब पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
मुरादाबाद रेंज के DIG मुनिराज के मुताबिक, 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस का कहना है कि जिसके भी खिलाफ सबूत मिलेंगे उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा. सीसीटीवी कैमरों की मदद से भीड़ में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। कई टीमों ने रातभर संभल में छापेमारी की। इस दौरान अलग-अलग जगहों से कुछ अवैध हथियार और जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये. पुलिस का कहना है कि जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पथराव की घटनाओं को देखते हुए उप जिला मजिस्ट्रेट ने एक नोटिस जारी कर नागरिकों को अपनी छतों पर पत्थर, बोतलें या कोई ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने से रोक दिया है. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका को भी आदेश दिए गए हैं कि यदि कोई भवन निर्माण सामग्री सड़कों पर पड़ी है तो उसे तुरंत जब्त कर लिया जाए।
प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. डीएम के आदेश के मुताबिक एक दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश के लिए शहर की सीमा सील कर दी गई है। यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक भी पहुंच गया है। तहसील क्षेत्र के सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं.
प्रशासन ने क्या कहा?
मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने तीन तरफ से हमला किया. पहला- सामने से, दूसरा- बायीं ओर से और तीसरा- दायीं ओर से. पुलिस ने तत्परता दिखाई और सबसे पहले सर्वे टीम को मौके से हटाया। हालात पर काबू पाने के लिए प्लास्टिक की गोलियों और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया गया. हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार भी बरामद किए गए हैं. नखासा थाना क्षेत्र में एक घर से फायरिंग हुई, जहां से दो महिलाओं को हिरासत में लिया गया है. हिंसा के आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. प्रशासन ने कहा कि भीड़ को जरूर उकसाया गया था. भीड़ को उकसाने वालों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
हिंसा में कौन मरा?
हिंसा में चार लोगों की जान चली गई है. इनमें नईम, बिलाल, नौमान और मोहम्मद कैफ की जान जा चुकी है। देर रात चारों का अंतिम संस्कार किया गया। देशी कट्टे से चली गोली से दो की मौत हो गई। तीसरे और चौथे की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
कौन घायल हुआ?
संभल एसपी ने बताया कि हिंसा में उनके पीआरओ के पैर में गोली लगी है. डिप्टी कलेक्टर का पैर भी फ्रैक्चर हो गया है. एक सिपाही के सिर में चोट लगी है. पुलिस अधिकारी को छर्रे लगे. कुल 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. चार वरिष्ठ अधिकारी भी घायल हुए हैं.
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा पर नाराजगी और दुख जताया है. उन्होंने कहा, जमीयत उलेमा-ए-हिंद किसी भी पार्टी या उपद्रवी की हिंसा का समर्थन नहीं करती. लेकिन पुलिस की क्रूर कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि भेदभावपूर्ण भी है, जिसके कारण निर्दोष लोगों की जान चली गयी. मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा, हम सर्वे कराने के कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं. पूजा स्थल अधिनियम 1991 में कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी अन्य धर्म के पूजा स्थल में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। सर्वे का आदेश देना अधिनियम का उल्लंघन है. सर्वे कराने की क्या जरूरत थी? जामा मस्जिद 500 साल पुरानी है. आखिर कब तक हमारी पीढ़ी को प्रताड़ित किया जाता रहेगा?
मामले में हिंदू पक्ष ने क्या कहा?
सिविल जज की अदालत में जो मुकदमा दायर किया गया है वह 95 पन्नों का है. कहा गया कि भगवान कल्कि का जन्म संभल में ही होना था। ऐसे कई सबूत हैं जिनसे साफ पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया था। सर्वे के बाद ही हकीकत सामने आएगी। इसका उपयोग जामा मस्जिद कमेटी द्वारा अनाधिकृत रूप से किया जा रहा है।
इस मामले में याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए एडवोकेट कमिश्नर के गठन का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा है कि वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराया जाए और रिपोर्ट एडवोकेट कमिश्नर के जरिए दाखिल की जाए.
रविवार को जैन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से विवादित स्थल को अपने नियंत्रण में लेने का आग्रह किया। हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने दावा किया कि जो मंदिर कभी इस स्थान पर था, उसे 1529 में मुगल सम्राट बाबर ने ध्वस्त कर दिया था।
'छोटे-छोटे बच्चों को सामने खड़ा करके…'
डीआइजी मुरादाबाद रेंज मुनिराज ने बताया, कोर्ट के आदेश के अनुपालन में वहां सर्वे कराया गया है। हमने वहां पुलिस बल तैनात कर दिया है. कुछ लोगों ने छोटे-छोटे बच्चों को सामने खड़ा कर दिया और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और शांति बनाए रखने की अपील भी की. उन्होंने कुछ वाहनों में भी आग लगा दी और पुलिस ने दंगारोधी बंदूकों और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर-बितर किया। 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. स्थिति नियंत्रण में है. हमने 20 लोगों को हिरासत में लिया है.
पुलिस साजिश के एंगल से तलाश कर रही है
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, स्थिति नियंत्रण में है और अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है. इंटरनेट सेवाएं एक दिन के लिए बंद कर दी गई हैं. कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया. जब डीएम और डीआइजी गश्त कर रहे थे तो दो महिलाओं ने उन पर पथराव कर दिया और देसी पिस्तौल से फायरिंग कर दी. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके खिलाफ एनएसए के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है ताकि यह समझा जा सके कि कोई साजिश थी या नहीं.