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ध्यान से: उत्तर प्रदेश के संभल में आज एक बार फिर शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया जाएगा. सर्वे टीम सुबह 6 बजे पहुंच गई है. मौके पर डीएम-एसपी के अलावा एसडीएम-सीओ और पीएसी-आरआरएफ तैनात की गई है. हालांकि इस दौरान मस्जिद के बाहर हंगामा भी देखने को मिला और अचानक पुलिस टीम पर पथराव कर दिया गया. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कुछ लोगों पर लाठीचार्ज करना पड़ा. आपको बता दें कि आज सुबह से ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है.
डीएम और एसपी मौके पर मौजूद
दरअसल, आज एक बार फिर संभल की जामा मस्जिद में सर्वे का काम किया जा रहा है. इसी बीच सर्वे को लेकर भीड़ आक्रोशित हो गई और इसके बाद संभल में तनाव का माहौल है. इस बीच पुलिस और भीड़ के बीच जमकर नोकझोंक हुई. एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया मोर्चा संभाले हुए हैं. गुस्साई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए. गुस्साई भीड़ को समझाने के लिए जब डीएम और एसपी पहुंचे तो गुस्साई भीड़ ने जमकर नारेबाजी की. वहीं, एसपी और डीएम हंगामा कर रही आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने दिया जवाब
इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “जो लोग कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मुगल सल्तनत का युग नहीं है। अगर आपको अदालत के आदेश पर कोई आपत्ति है, तो ऊपरी अदालत में अपील करें।” कुछ लोगों को संविधान के तहत सुरक्षा प्रदान की गई है। न्यायपालिका के आदेश का पालन नहीं किया जाएगा।
सर्वे रिपोर्ट 29 नवंबर तक देनी है
आपको बता दें कि 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है और इसे मस्जिद का रूप दिया गया है. 1529 में बाबर के शासनकाल के दौरान। इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. इस मामले में आज फिर सर्वे होना है. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल की भी व्यवस्था की गई है. जिला अदालत ने 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
क्या बात है
दरअसल, संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था. दावा किया जा रहा है कि इस मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को तोड़कर किया गया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए 'एडवोकेट कमीशन' गठित करने के निर्देश दिये थे. कोर्ट ने कहा है कि आयोग के जरिए वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराया जाए और रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाए. उन्होंने कहा था, ''संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है. हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दशावतार में कल्कि का अवतार यहीं होना है। 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की। यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है। इसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता.'' विष्णु शंकर जैन ने कहा था, ''वहां कई निशान और चिन्ह हैं जो हिंदू मंदिर के हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है. (इनपुट- अनामिका गौड़ और राजीव शर्मा)
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